Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 85610 0 Hindi :: हिंदी
# सुप्रभात.... जो चाय , सुड़क कर पीते ...! जो दारु , जाम पे जाम ...! छल्ले उड़ाते , कश लगाते हुए जो लेते , प्रभु का नाम ...! जो ना छोड़े ये आदत ...! लोग वो बद , बड़े बद्तर , होते हैं बदनाम ...! होती जिंदगी , उनकी तमाम ...! होता उसका , सब हराम ...! वो गए , काम से काम ...! गर चाहे तू तेरी , जिंदगी हो आसान ...! तू भज मन , गोविंद , राधे-राधे ...! रघुपति राघव राजाराम , पतित पावन सीताराम ...! सब प्रेम से बोलो जय...जय श्री राम ...! चिन्ता नेताम " मन " डोंगरगांव ( छत्तीसगढ़)