मैदान ए शायरी का एक प्यादा हूँ मैं,
. इस महदूद सल्तनत का वजीर नहीं हूँ
ग़ज़ल के नाम पे बस हाल ए दिल बयां करूँ,
. मैं बद्र , गालिब , या मीर नहीं ह read more >>
वर्क फ्रॉम होम अब बहुत संभव है, खासकर जब तक कि काम विशेषता से आपके ऑफिस में ही आवश्यक न हो। वर्क फ्रॉम होम के माध्यम से काम करने से कई लोग read more >>