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"महाकाल"

Mukesh Namdev 07 Mar 2024 शायरी धार्मिक महाकाल,कैलाश,शांत,श्रृंगार,मुर्दे 1606 0 Hindi :: हिंदी

"महाकाल"
"हम खोज में निकले है,जिसके वो कहीं कैलाश की चोटी पर बैठा है, शांत,शन्यू,अमुख-सा जिसके सिर पर विराजी है,गंगा गले में लिपटा है, सर्पों का राजा वासुकि एक हाथ में डबरू एक हाथ में त्रिशूल जिसका श्रृंगार है,सबसे श्रेष्ठ  वही लिपटा है,मुर्दे कि राख में खुद को समाये हुये और कहता है,अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चण्डाल का,काल भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का"
              "हर-हर महादेव"
             #Mukesh Namdev

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