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सब टूट गये सब छूट गये, सपने सारे छूट गये, अपने ही जब बेकरार हुए, सपनो के सारे चक्कर छूट गये । जिन्हें समझा हमने अपना वह पराये होकर छूट गय read more >>
लो फिर उठा दी मैंने कलम लो फिर उठा ली मैंने कलम। जैसे घर के होते काम अनेक नहीं मन करता कि उठाऊं मैं कलम। ‌‌‌‌ लेकिन हो रहा जब जुर read more >>
उनकी जिंदगी अधूरी होती हैं, जिनके मां बाप नहीं होते, हर मोड़ पर कमी महसूस होती हैं, जब वो पास नहीं होते। read more >>
मां बाप से बढ़कर कोई नहीं, बिखरा घर बिखरी जिंदगी मां बाप के बिना,हर ख्वाहिश अधूरी रह जाती हैं मां बाप के बिना। read more >>
अक्सर जो लोग अंदर से मर जाते है वहीं लोग दूसरों को जीना सिखाता है Saroj kaswan read more >>
काव्या अपनी रोज की रूटीन से ही कोचिंग क्लास जा रही होती है ! तभी उसे एक रास्ते पर ही छोटा सा घर जिसमें एक वृद्ध महिला पर नजर पड़ती है read more >>
एक शहर के पास छोटा सा कस्बा था जिसमें लगभग 250 परिवार रहा करते थे ! जिनमे से एक परिवार था जिनमें एक किसान के एक लड़की ओर दो लड़के थे read more >>
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