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राखी बंधन पर्व पर-दिखे प्यार गुलजार

संदीप कुमार सिंह 30 Aug 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 11247 0 Hindi :: हिंदी

राखी बंधन पर्व पर,दिखे प्यार गुलजार।
बंधु बहन के प्यार से,गमके सब परिवार।।

राखी बांधी है बहन,खुशी खुशी में तात।
लाए हैं उपहार अति,लब पर है मृदु बात।।

भाई बहना का खास है,राखी अरु त्योहार।
करूं बहन रक्षा सदा,बनकर दृढ़ तलवार।।

भाई बहना से कहे,सबसे तूं है खास।
पावन राखी बांध दे,रहूं ढाल बन पास।।

आज पूर्णिमा खास है,राखी  उत्सव आज।
भाई बहना के प्यार पर,दुनिया करती नाज।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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