Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 5921 0 Hindi :: हिंदी
⭐ कविता = इश्तहार प्यार तो इश्तहार हुआ ! चमड़ी का बाज़ार हुआ !! लैला-मजनू हीर-राँझा ! जुमलों में शुमार हुआ, !! ये रिश्ता जो था पावन ! आज क्यों दाग़दार हुआ !! जिसको हमने प्यार है समझा ! वो चेहरे का किरदार हुआ !! प्यार तो इश्तहार हुआ ! चमड़ी का बाज़ार हुआ !! प्यार में हो गई मीरा दीवानी ! जोगन हो गई महलों की रानी !! भरी सभा में विष है पिलाया ! प्यार ने उसको अमृत बनाया !! प्यार ही छीने अब ज़िंदगानी ! तुनिषा की देखी सबने कहानी !! श्रद्धा को टुकड़ो में बटते देखा ! दोधारी ये तलवार हुआ !! प्यार तो इश्तहार हुआ ! चमड़ी का बाज़ार हुआ !! पति के जिसने प्राण बचाए ! यम के घर से वापस लाए !! प्यार के आगे काल भी छोटा ! प्यार ने बदली क़िस्मत रेखा !! प्रेमी संग अब पति को मारे ! प्यार के देखे रूप निराले !! प्यार तो अब लिबास हुआ ! फ़ैशन का ये दौर हुआ !! प्यार तो इश्तहार हुआ ! चमड़ी का बाज़ार हुआ !! विपिन बंसल