Poonam Mishra 22 Jun 2023 गीत समाजिक जीवन की नैतिकता 7727 0 Hindi :: हिंदी
संबंधों का कोई मोल नहीं है सभी के अपने मापदंड हैं ! सभी ने अपने मापदंड बदले! सबने खोई है संबंधों की प्रासंगिकता ! छोड़कर पुरानी परंपरा को धारण किए हैं लोगों ने! आधुनिकता! त्योहार के नाम पर हम ही सीमित हो गए हैं ! हम आस्थाओं को तो हम भूल ही रहे हैं ! एक दूसरे की हितों की बात छोड़िए ,विश्वास करने से ही हम हिचक रहे हैं ? हम सब में अपने आपके हित के प्रति ज्यादा ध्यान दे रहे हैं! त्याग रहे हैं लोगों से मिलने जुलने की सामाजिकता! आधुनिकता सर चढ़कर बोल रही है ! चारों ओर दिखावा ही दिखावा है! मनुष्य अभिव्यक्ति की पहचान खो रहा है ! लोगों में मृत पाए हो रही है जीवन की नैतिकता स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा