ओ माता, किस कोआज मना ना है।
किस को आज मना है।.... 2
आया हूँ । तेरे चरणों में ,
झुकाने अपना शीश
क्या ? खाली हाथ वापस जाना है।
हो हो....
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माता के मन्दिरृ एक पुंजा घाम है।
लेना मुझे भी तो मन्दिर जाके
माँ का ही नाम है।
हो.....
माँ के भवनों मे होती सुन्दर शाम है।
लेना मुझे भी..... read more >>
आके तेरा दवार देखु
माँ.......मे तेरा भवन
मे पहली बार देखु
माँ ......
मे तेरा भवन
हो ,,,,आके... 2..2.
तेरे भवन मे ऐसी, सुघी लगन
हो गया। यहाँ मे read more >>