कुछ टूट गया, कुछ फूट गया।
माटी का ,खिलौना रूठ गया।।
तन लूट रहा, मन मौन रहा।
छाती से वजन, सा छूट गया।।
न राम मिला ,न श्याम मिला ।
न जाने मैं read more >>
जो बीता है ना वह बात गया ,
समझो तुम जो शुरू किए थे संग उसके शुरूआत गया,
यार वह प्यारी, उसकी बातें सारी ,कितनी याद दिलाती हैं ,
दूर हो गई कोई read more >>