Samar Singh 04 Apr 2024 गीत देश-प्रेम आजादी की क्रांति में भाग लेना इंसान का एक जिंदा होने का सबूत है। 4314 0 Hindi :: हिंदी
मैं जिंदा हूँ तो जीने का सबूत मांगती है मिट्टी, हैं मुझसे मुहब्बत तो लिखनी होगी लहू से चिट्टी। लोग पूछेंगे देश की आजादी में मेरा हिस्सा क्या था, मौन था या बलिदान हुआ, पर मेरा किस्सा क्या था। एक लहर बनके उठना है, आजादी का तारा बनके चमकना है, सोचता हूँ ऐ! मेरे वतन की मिट्टी तुझे सोने का मुकुट पहनाऊँ, अपने पीछे क्या छोड़ के जाऊंगा केवल रेत की गिट्टी, मैं जिंदा हूँ तो जीने का सबूत मांगती है मिट्टी।। है बांध ली जिस्म में मौत की परछाई, अपने पीछे बारूद की धूल उड़ाई। लिख कर जायेंगे ऐसा इतिहास, रुधिर की लेखनी करेगी उल्लास। अब बचना ऐ! फिरंगी, कर देंगे गुम तेरी सिट्टी- पिट्टी। मैं जिंदा हूँ तो जीने का सबूत मांगती है मिट्टी।। रचनाकार- समर सिंह " समीर G"