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प्रकृति के रंगों से खिलकर- दिलों को भी बहलाया है

Shivani singh 20 Jul 2023 गीत अन्य 6865 0 Hindi :: हिंदी

उगते हुए बरगद के पेड़ को,
हरियाली से सजाया है।
प्रकृति के रंगों से खिलकर,
दिलों को भी बहलाया है।।

छाया देकर आश्रय उन्हें,
धूप से तापमान घटाया है।
पक्षियों को आवाज़ देकर,
खुशियां उड़ाने का मौका दिया है।।

दिवंगत बुढ़िया भी आँचल में,
विश्राम को पाया है।
प्रेम का फूल खिलकर उन्हें,
धरती पे सजाया है।।

पानी की बूँदें गिरकर भी,
जड़ों को मोहल्लाया है।
शाखाओं को लहलहाकर भी,
अपनी रूमानियां दिखाई है।।

प्राकृतिक सौंदर्य का राजा,
ये पेड़ हम सबको याद रहता है।
इसकी महिमा अनंत है,
विकास का पथ दिखाता है।।

बरगद के पेड़ की छाया में,
धरती वीरान न रहती है।
इसके संग खेलते बच्चे,
सबको प्रीति मिलती है।।

प्रकृति के इस उपहार को,
हम सबको सजाना है।
बरगद के पेड़ को संभालकर,
आने वाले को बचाना है।।

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