Santosh kumar koli ' अकेला' 15 Oct 2023 कविताएँ समाजिक आधा सच 9856 0 Hindi :: हिंदी
अध सच है, आधा खाली है गिलास। पूरा सच है, आधा भरा, कहता कोई काश। मिलता है हार का हार, हार जाता हूं करते प्रयास। पूरा सच है, प्रयास में, कमी करता तलाश। समर्थ सीमा से बाहर, अमुक-अमुक काम। पूरा सच है, क़द, हद में हैं कई, उनका ढूंढ़ो नाम। आधा सच है, मेरे शत्रु लोग तमाम। ऐसे भी लोग हैं, खड़े रहते साथ हर याम। आधा सच है, सफलता शिखर पर, जो हैं रविज। न जान सका कोई, मेहनत मेराज, हार हरगिज़। मेरे ही अरमान, हर बार, क्यों होते हैं खारिज़? पूरा सच है, अवतार भी नहीं बच सके, इस योनिज।