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अब किसी को अपना क्यों बोलना क्योंकि मैंने लोगों को अपना होकर भी बदलते हुए देखा है । लेखिका प्रेरणा शर्मा read more >>
आज का दिन कुछ खास सा है कोई अपना मेरे पास सा है कहता है जो मुझे प्यार से बड़ी माँ उसके लिए प्यार भी बेशुमार सा है। read more >>
अब किसी को अपना क्यों बोलना क्योंकि मैंने लोगों को अपना होकर भी बदलते हुए देखा है । लेखिका प्रेरणा शर्मा read more >>
मैं जिंदगी के गम भुलाना चाहती थी उस शख्स के साथ क्या पता था वही गम दे गया जिंदगी भर के लिए. लेखिका प्रेरणा शर्मा read more >>
बहुत समय पहले की बात है, एक बार महात्मा गांधी से एक व्यक्ति देशभक्ति की प्रेरणा से ओतप्रोत, होकर और देशभक्ति के लिए अपना जीवन समर्पित read more >>
वह दारूण दर्शय देख- देख कर आंखे नम हो रही है, मेरे दिल में उनके लिए दया की लहरें उमड रही है, कल तक थे जो आजाद परिंदे वो आज गुलामी में जकड रह read more >>
ममता की तू अजब दुलारी प्यार में तू न्यारी है, इस दुनिया में माँ तू मुझको सबसे ज्यादा प्यारी है, तेरी प्यारी छाँव में मुझे दुख-दर्द कुछ न read more >>
बनेगा तू मेरा भगवान , नज़र में आ जाये सम्मान। प्रेम तेरा हो ज्यों हिमपात नहीं हो तेरी कोई जात नहीं तू कर मुझसे ही बात सभी पर कर समान बर read more >>
उसके जाने के बाद, खामोश मेरी जिन्दगी, धड़कने भी बेजुबान, समा भी उदास बनी , इंतजार में उसकी राह देख रही थी। कई अरसे से मेरा, नींद भी गायब read more >>
बन्धन रिश्तों की है, बन्धन यारों की है, बन्धन रश्मों की है, बन्धन समाजों की है, बन्धन धर्मों की है। बन्धन तो अति आवश्यक है, जिसके रहते भ read more >>
मैं चमकती धार युक्त तलवार हूँ प्यासी हूँ लहू की जैसा कहा करते सभी मैं नहीं हूँ देखती अपना पराया उच्च है या निम्न मेरी बला से घाव देती read more >>
मुन्तशिर होकर जुड़ा हूँ छूट टुकड़े कुछ गए बस उन्हीं के बिन अधूरा ढूँढ़ लाओ दोस्तो।। ये मता'-ए-ग़म न जन्नत में नशीब हो पायगा इसलिए जब भी मिल read more >>
खींच खींच ले मन को जाते मीत मनोहर वे बन जाते , उमड़- घुमड़ कर आगे पीछे उड़ते बादल कहां को जाते | कुछ नाचते खुशी मनाते कुछ के आंसू झर झर जा read more >>
रात भयानक थी काली न निशाकर की कर की जाली सांय सांय सन्नाटा की ध्वनि फैली तरु की डाली डाली निशीथ सघन काले धन की read more >>
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