आज पल पल हर पग
आशा ओका उजाला हो..
हर भ्रमण अंधेरो का न चिन्ह हो,
किसी भी पग पृष्ठ न लगा हो
सोच में न हो निष्ठा,
मन में न कोई दंद न संख्या हो,, read more >>
तेरी मोहब्बत की गिरफ्त से ,कभी हमें रिहाई न मिले ,
यूं ही खोई रहूं, सुकून मिलता है तेरी चाहत से हमें,
हो गम हमें तो तेरी आंखें रो देती है,
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