Satyadev bhartiy 30 Mar 2023 शायरी दुःखद Sad sayri Satyadev bhartiy sayri sayri 88439 0 Hindi :: हिंदी
हर आदमी एक ख्वाब बुना करता हैं करता कुछ, सबकी बात सुना करता हैं ख्वाब, ख्वाबो में आता है, ख्वाबो की तरह हर रोज ख्वाबी दुनिया में एक ख्वाब मरा करता हैं