Poonam Mishra 12 Jul 2023 आलेख समाजिक दोस्त और दुश्मन में अंतर 5207 0 Hindi :: हिंदी
जब भी हमें जीवन में कोई आवश्यकता पड़ती है तो स्वाभाविक है कि हम अपने मित्रों पर ही विश्वास करते हैं और यदि कोई कार्य करवाना रहता है तो हम अपने मित्रों को ही बुलाते हैं यह सही भी है कि यदि हमारे मित्र हैं तो हम अजनबी उनसे सहायता क्यों ने और अजनबी पर निर्भर क्यों रहे दिक्कत यह है कि अक्सर आप अपने मित्रों को इतनी अच्छी तरह कैसे नहीं जानते हैं इतना कि आपको लगता है कभी-कभी कुछ दोस्त आप की हां में हां मिलाने के लिए आपकी गलत बातों का भी समर्थन करते हैं और जब कभी आप किसी बात पर मजाक करते हैं तो वह आपसे कुछ ज्यादा ही हंसते हैं इसलिए आपको पता ही नहीं चलता कि कौन आपका सबसे सच्चा मित्र है पर असल में उसकी आपके प्रति क्या भावनाएं हैं कभी-कभी आपको लगता है कि वह आपकी तारीफ कर रहे हैं परंतु प्राय ऐसा होता नहीं है कि वह आपकी सच में देखे तारीफ कर रहे होते हैं पीठ पीछे वह आपकी बहुत बुराई करते हैं ऐसे मित्रों से भी आप सावधान रहिए क्योंकि मित्र कभी-कभी बहुत जल्दी आप से जलन करने लगते हैं और वह आपको धोखा देने की भी फिराक में रहते हैं यह आप समझ लीजिए कि कभी कोई दोस्त भविष्य में आप के कष्ट का कार्ड बन सकता है इसके बजाय अगर आप अपने किसी पुराने दुश्मन को अपने साथ रखेंगे और उससे आप अपना कुछ काम लेंगे तो शायद वह अपने आपके दोस्त से ज्यादा वफादार होगा क्योंकि उसे बहुत कुछ साबित करना होगा आपके सामने अपने आप को सही साबित करने के लिए वह हर संभव प्रयास करेगा कि आपका दिल जीते मेरा ऐसा विचार है कि आपको अपने दुश्मन से नहीं बल्कि दोस्तों से सावधान रहना चाहिए क्योंकि दुश्मन आपके एक ऐसे सोने की ऐसी अनछुए खान है जिसका दोहन करना आपको आना चाहिए