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हम इंसान किमत शब्द का अर्थ अच्छी तरह से जानते

Pinky Kumar 07 Apr 2023 आलेख समाजिक 6898 0 Hindi :: हिंदी

हम इंसान किमत शब्द का अर्थ अच्छी तरह से जानते कि अगर किसी से कुछ वस्तुली जाती है तो हमें उसकी तय किमत चुकानी होती है। और किमत चाहें जानव दो या हम  है। जानव भी इसी धरती पर पैदा होता है। तो उसे भी पैदा होने कि किमत चुकानी पड़ती क्योंकि भगवान ने उन्हें ऐसा बनाया है। इस कारण उन्हें पता तो नहीं किमत होती क्या है। पर चुकाते जरूर है। और इस धरती पर मोजुद हर वो वस्तु चाहें निजीव हो या सजीव उसे उसका उस अवस्था में होने का मुल्य चुकाना पड़ता है तभी तो हम इंसान प्राकृति से हर संसाधन उपयोग में ले सकते है। चाहें जिव हो या   पहाड़   चाहें   नंदिया हो या तलाब चाहें जंगल हो या हम इंसान हर किसी का अपनी किमत चुकानी पड़ती है। पर इसका तय हमारे भगवान करते है। कि किसको कितना और कब तक करना होगा और हम इंसान इसी का दुरुपयोग कर रहें हमें सबसे किमत ले तो रहे पर उन्हें चुका नहीं रहें है। इसी कारण हम इंसान किसी ना किसी समस्या से घिरे रहते है। और रोना रोते है। कि हाय भगवान मुझे उठाले चलो नजर डाल लेते है। कि प्रकृति में मोजुदत हर वो वस्तु निर्जीव व सजीव कैसे अपनी किमत चुका कर जिंदा रहते है। या वो है।   कैसे है।  इस धरती पर मोजु    

(1) पहाड़ =)  पहाड़  हमें क्या देते  पत्थर देते प्राकृति संसाधन देते हैं और उन्ही पत्थोसे हम अपने सपनो का            घर बनाते है। और उन्हीं संसाधनों से हम जीवन कि आवश्यकता को पुरा करते है। और इस धरती पर उसे रहने के लियें हम इंसानों के काम आने कि किमत को चुकानी पड़ती है।

(2) नंदिया तलाब =) हमें क्या देते है। नंदिया हमें तलाब हमें पानी देते है। और हम इंसान उससे अपनी प्यास बुझाते है। और दैनिक कार्यों को पूरा करते है । और सारी बाते जानते है कि जल हमें क्या देता जल का हमारे जिवन में क्यों आवश्यकता होती है। हम सब इन बातो को जानते है। और नंदियो का इस धरती पर रहने के लिये यह किमत चुकानी पड़ती है। कि वह हमारी प्यास बुझा सके और हम इंसान नदियों और तालाबों में दुनिया भर का कचरा करते प्लास्टिक डालते है। आदि

(3) पेड़ - पौधे =) ऑक्सीजन  ,कागज ,छाव ,फल फूल , और हमारे घर में काम आने वाली हर छोटी बड़ी वस्तु लकड़ी के रूप में मोजुद है। इनकों को भी हम इंसानों के काम आयें इसकी किमत चुकानी पड़ती है। 

(4)जीव जंतु पशु पक्षी =) हम सब जानते है। कि जीव जन्तु पशु पक्षी हमारे किस काम आते है। हम इंसानो का सहारा बन सके इनको यह किमत चुकानी पड़ती है।

(5) सूर्य चन्दमा =) इनकी किमत हम इंसानो को रोशनी देकर चुकानी पड़ती है। इनका भी काम हमारे लिये है। 

(6) मनुष्य =) और अंत में बचे हम इंनसान हम इंसान इन सब संसाधनों और इस प्रकृति के देन को आवश्यकता से अधिक और गलत ढंग से इस्तेमाल करते है। हम जानवरो को अपने स्वार्थ के लिये मारकर खाते है।पक्षियों कि आजादी छिन कर उनको घर में सजाने के लिये रखते है। पेड़ पौधों से अपनी आवश्यकता के लिये इस्तेमाल करते है। और दूसरे हम लगाते नहीं क्योंकि हमारा ही राज है। इस लिये आप ने गोर किया कि इन सब का काम हम इंसानो कि मददत करना अपने लिये ना जिकर यह हमारे लिये जिते है। हमारा भला करते और यह अपने इस धरती पर होने के लिये किमत चुका रहे है। पर हम इंसान क्या कर रहें है। ध्यान दिया हम इन सबको भोग रहे है। और हमारी तरफ से इनके लिये किमत जिरो है  

धन्यवाद आपको यह लेख जरूर पंसद आयेगा

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