Poonam Mishra 12 Jul 2023 आलेख समाजिक खुशियों को ढूंढती हूं 5891 0 Hindi :: हिंदी
कभी-कभी हम अपनी खुशियों को बाहर ढूंढते हैं इसकी वजह हमें अपने हृदय में देखना चाहिए और अपने हृदय से प्रश्न पूछना चाहिए जीवन का आनंद कहां पर है हमें इसका उत्तर स्वयं हमारा मन दे देगा कि तुम मेरी तरफ देखो मेरी प्रशंसा करो मुझे ही पाकर खुश रहो मुझ में ही समाहित हो जाए यही जीवन का रंग है बाहर कहीं भी तुम्हें इस प्रकार की खुशियां नहीं मिलेगी जो तुम्हें अपने मन के भीतर झांकने से मिलती है