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कितने मददगार हैं हम-सबसे करीब जो जहाज़ मौजूद था

Ritin Kumar 08 Jun 2023 आलेख समाजिक #रितिन_पुंडीर #इतिहास #जहाज 7100 0 Hindi :: हिंदी

जब " टाईटेनिक "  समुन्द्र मे डूब रहा था तो उसके आस पास तीन ऐसे जहाज़ मौजूद थे जो टाईटेनिक के मुसाफिरो को बचा सकते थे I

सबसे करीब जो जहाज़ मौजूद था उसका नाम "SAMSON " था और वो हादसे के वक्त टाईटेनिक से सिर्फ सात मील की दुरी पर था I

सैमसन के कैप्टन ने न सिर्फ टाईटेनिक कि ओर से फायर किए गए सफेद शोले ( जो  इमरजेंसी वाली हालत मे जहाज से  हवा मे फायर किया जाता है) देखे थे, बल्कि टाईटेनिक के मुसाफिरो के चिल्लाने के आवाज़ को भी सुना भी था I

 लेकिन सैमसन के लोग गैर कानूनी तौर पर बहुत कीमती समुद्री जीवो का शिकार कर रहे थे और नही चाहते थे कि पकड़े जाए लिहाजा वो टाईटेनिक की हालात को देखते हुए भी मदद न करके अपनी जहाज़ को दुसरे तरफ़ मोड़ कर चले गए...

" ये जहाज़ हम मे से उन लोगो कि तरह है जो अपनी गुनाहो भरी जिन्दगी मे इतने मग़न हो जाते है कि उनके अंदर से इन्सानियत का एहसास खत्म हो जाता है और फिर वो सारी जिन्दगी अपने गुनाहो को छिपाते गुजार देते है I"

दूसरा जहाज़ जो करीब मौजूद था उसका नाम " 

"CALIFORNIAN " था जो हादसे के वक्त टाईटेनिक से चौदह मील दूर था, उस जहाज़ के कैप्टन ने भी टाईटेनिक की तरफ़ से मदद की पुकार को सुना..

और बाहर निकल कर सफेद शोलों अपनी आखो से देखा लेकिन क्योकि टाईटेनिक उस वक्त बर्फ़ की चट्टानो (आइसबर्ग्स ) से घिरा हुआ था I

और उसे उस चट्टानो के चक्कर काट कर जाना पड़ता इसलिए वो कैप्टन मदद को ना जा कर अपने बिस्तर मे चला गया और सुबह होने का इन्तेजार करने लगा I

जब सुबह वो टाईटेनिक के लोकेशन पर पहुचा तो टाईटेनिक को समुद्र कि तह मे पहुचे हुए चार घंटे गुज़र चुके थे और टाईटेनिक के कैप्टन  Adword_Smith  समेत 1569 मुसाफिर डूब चुके थे I

" ये जहाज़ हम लोगो मे से उनकी तरह है जो किसी की मदद करने अपनी सहूलत और असानी देखते है और अगर हालात सही ना हो तो किसी की मदद करना अपना फ़र्ज़ भूल जाते है I "

तीसरा जहाज़ "CARPHATHIYA" था जो टाईटेनिक से 68 मील दूर था,   उस जहाज़ के कैप्टन ने रेडियो पर टाईटेनिक के मुसाफिरो की चीख पुकार सुनी..

जबकि उसका जहाज़ दूसरी तरफ़ जा रहा था उसने फौरन अपने जहाज़ का रुख मोडा और बर्फ़ की चट्टानो और खतरनाक़ मौसम की परवाह किए बेगैर, मदद के लिए रवाना हो गया I

हालांकि वो दूर होने की वजह से टाईटेनिक के डूबने के दो घंटे बाद लोकेशन पर पहुच सका लेकिन यही वो जहाज़ था। जिसने लाईफ बोट्स की मदद से टाईटेनिक के बाकी 710 मुसाफिरो को जिन्दा बचाया था और उन्हें हिफाज़त के साथ न्यूयार्क पहुचाया था I

उस जहाज़ के कैप्टन "आर्थो रोसट्रन "  को ब्रिटेन के इतिहास मे  चंद बहादुर कैप्टनो मे शुमार किया जाता है और उनको कई समाजिक और सरकारी आवार्ड से भी नवाजा गया  I

याद रखिए!----- हमारी जिन्दगी मे हमेशा मुश्किलें रहती है, चैलेंज रहते है लेकिन जो इस मुश्किलात और चैलेंज का सामना करते हुए भी इन्सानियत की भलाई के लिए कुछ कर जाए उन्हे ही इन्सान और इंसानियत सदैव याद करती है I

-रितिन पुंडीर ✍️

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