Pinky Kumar 10 Apr 2023 आलेख समाजिक 8831 0 Hindi :: हिंदी
दिल्ली मेट्रो =) मेने अपने लेख आजादी में लिखा था कि उस लड़की कि क्या मजबुरी रही होगी मुझे माफ करना उस लड़की कि कोई मजबुरी नहीं रही थी उसे तो बस अपने आपको एक्ट्र के रूप में अपने आपको कपड़ो के जरीये फैमस करना था जो उस लड़की ने किया दो घटनाये मेट्रो से सम्बधित है। पहले वह दो कपल दुसरी वो लड़की अरे भाई आजादी मिली है तो उसका गलत इस्तेमाल क्यों कर रहें हो और साथ ही मे उन लोगों से पूछना चाहती हुँ जो उस लड़की को सर्पोंट कर रहें है। क्या आपकी बहन ऐसे ही किसी पब्लिक में छोटे कपड़े पहन कर चली जाती तो आप भी ऐसे ही उसको आगे बढ़ने के लिए कहते कुछ भी करने से पहले अपने आाप पर वह चिज लोगु किया करो और फिर देखा करो कि यह सही है या गलत समझे जो - जो उसका साथ दे रहा है। वह सभी गलत साथ दे रहे है। खुद कि बहन या बहुँ ऐसा करती तो आप उसे जान से मार देते यह हकीकत है। और में उन लोगों को बता रही हूँ जो उसका या ऐसे लोगों का साथ देते है। एक बात और जो उसका साथ दे रहे है। क्या उसे अपने घर कि बहु बनाएंगे जवाब होगा नहीं तो साथ क्या सोच कर दे रहें हो क्या यह सही है। और विदेशों कि बात करते हो तो विदेशों में भी लोग ऐसे कपड़े पहन कर नहीं जाते मेट्रो ट्रेन में उन्हें भी पता है। कौनसी डैस कहाँ पहननी है। तो हमारी बुधी को क्या हो गया है। हम क्यों साथ दे रहे है। ऐसे लोगों का और क्या सोच कर साथ दे रहे है। साथ देने से पहले खुद पर लागु करो इस बात को समझे साथ देने वाले और लोग वीडियों और फैसबुक,इंस्टाग्राम पर ज्यादा लाईक पाने के लिए अपने शरीर के कपड़े उतार देते है। क्या हो रहा हैं। इस देश के युवाओं को यह देश का भविष्य है। अरे इससे अच्छा तो देश बिना ही भविष्य का ही रह जाए तो ज्यादा अच्छा है। नहीं चहीए ऐसे लोग जो अपने शरीर से कपड़े उतार दे और अपने रिश्ते को खुले आम प्रचार करे कि देखो हम एक दूसरे को कितना चाहते है। जिस रिश्ते में प्रेम का दिखावा करना पड़े वह प्रेम नहीं हो सकता है। वह तो एक हवस है। जिसे आप सभी के सामने प्रचार कर रहे हो अगर कपड़े उतार कर कामयाबी मिलती जो आज लोग बेरोजगार नहीं होते समझे यह तो एक जिस्म कि नुमाइश करना हुआ ऐसे हुआ जैसे आप अपनी ही बोली लगा रहे हो खुद को खुले आम बेच रहे हो और फिर कहते है। छोटी सोच छोटी सोच उन लोगों कि जिनके कपड़ो के साथ छोटी होती जाती है। जैसे कपड़े छोटे होते जाते है वैसे ही सोच छोटी होती जाती है। अगर मेरे लेख को कोई पढ़ कर कोई बोले कि मेरी सोच छोटी है तो में कहुँगी कि हाँ इस मामले में मेरी सोच छोटी है। और छोटी ही रहने दे मुझे नहीं बनना मॉडन हम पुराने ही सही है। ऐसे लोग ही बलात्कार जैसे अपराध को बढ़वा देते थे कैसे बताती हुँ अब यह देखो कितने लड़कों ने इस वीडियो को देखा और खास कर वह लड़के जो बलात्कार जैसे अपराध को बढ़ावा देते उनके मन में लड़कियो को देख कर हवस जाकी और पकड़ी ऐसी लड़की जिसका कोई कुसुर नहीं था जिसने अपने जीवन में छोटे कपड़े पहने के बारे में सोचा ही नहीं होगा उसके साथ गलत हो जाता और ऐसी लड़किया जो शरीर को दिखाना ही अपना फैशन ही मानती है। उसके साथ कुछ गलत नहीं हुआ पर उस लड़की के साथ गलत हो चुका जो सोच भी नहीं सकती छोटे कपड़े पहनने के बारे में जिसे घर वालों की पाबन्दि हो कि तुम छोटे कपड़े नहीं पहन सकती ऐसी लड़कियो के साथ बलात्कार होता है। नाकि उन लड़कियो के साथ जो छोटे कपड़े पहनती में सच बोल रही हूँ बन्द करो ऐसे लोगों का साथ देना और साथ देते हो तो एक बार खुद पर लाके देखना यह बात तब पता चलेगा कि क्या सही क्या गलत महिलाओं का सम्मान उसके ज्ञान से होना चाहिए उसके पद से होना चाहिए नाकि कपड़ो से इस लिए बन्द करो ऐसे हरकते करना और साथ देने वालो सुनलो तुम्हारे घर में भी बहन, बेटी, बहु है। अगर देखेगी तो कहेगी कि हमारे घर में तो ऐसी लड़कीयो या ऐसे लोगो का साथ दिया जाता है। तो वह भी निकल पड़ेगी कल बाहार समझों आये हो मॉडन सोच अपना करिया बनाने के लिए मेहनत करो नाकी शरीर कि बोली लगाओं धन्यवाद
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