संदीप कुमार सिंह 29 May 2023 आलेख देश-प्रेम मेरा यह आलेख समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 1960 0 Hindi :: हिंदी
पर्यावरण अर्थात हमारे चारों ओर जो आवरण है सजीव तथा निर्जीव का। जिससे खास कर के हम मानवों का अन्योन्याश्रय संबंध है। लेकिन हो यह रहा है कि मनुष्य अपने अल्प काल के सुविधा के लिए दीर्घ काल के सुविधा को विनष्ट कर रहा है। आज के तारीख में हमारे प्रकृति प्रदत्त जो भी घटक है सब ही अधिकतम रूप से प्रदूषित हो गया है। आज नाना प्रकार के बीमारियों के चपेट में सम्पूर्ण विश्व के लोग आ रहें हैं। मृत्यु को कोई भी जीव समय से पहले ही प्राप्त कर रहें हैं। शांति लोगों की कहीं खो गई है। नाना प्रकार के हथकंडे अपनाने के बावजूद भी सफलता नहीं मिल पा रही है। एक तो करेला ऊपर से नीम का मिल जाना स्वाभाविक रूप से अति तीता हो ही जाता है। ठीक इसी तरह लोगों के साथ भी हो रहा है, 100में 95%लोग नशा के शिकार होते हैं। अच्छे _अच्छे लोग जानते हुए भी आदतन नशा करते हैं। श्रेष्ठ जन जब खुद ही शुद्ध मार्ग अपना कर अपने जीवन को नहीं ले जा पा रहें हैं तो वे अपने छोटों को क्या नसीहत देंगें। आज के तारीख में पर्यावरण समस्या एक गंभीर समस्या है। जिसको गर अभी भी ठीक नहीं किया गया तो स्तिथि दिनानोदिन और भी गंभीर होती जायेगी। अतः सरकार एवं जनता दोनों को मिलकर इस भीषण समस्या पर एक सुदृढ़ पहल करना अत्यावश्यक है। अपने यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि अपन लोग किसी भी सिद्धांत _नियम _कानून पर सतत क्रियाशील नहीं रहते हैं। होता ऐसा है कि सरकार ने कोई योजना बनाई कुछ दिन तो उस योजना का जोर_शोर से प्रचार होता है। लोगों का भी उत्सुकता खूब बना रहता है। लेकिन 06महीना या साल भर बाद वह योजना आराम की स्थिति में आ जाती है। और जनता भी उन सभी बातों को भुलाकर अल्हड़ जीवन शैली में फिर से आ जाते हैं। तो बड़ा दिक्कत यहीं से शुरू होता है। पर्यावरण सुधार योजना को रोज के दिनचर्या में एक आवश्यक नियम के तरह पालन करना अनिवार्य होना चाहिए। आने वालों बच्चों को पर्यावरण के प्रति विशेष रूप से शिक्षा देना जरूरी है। ताकि आने वाले पीढ़ी में यह गुण एक अनुवांशिक गुण के तरह मौजूद रहे।और ये लोग पर्यावरण स्वच्छता के प्रति इतने सजग रहे की सही मायने में उन्हें यहीं स्वर्गिक आनंद के साथ जिन्दगी मज़ा देगी। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....