Pinky Kumar 11 Apr 2023 आलेख समाजिक 6994 0 Hindi :: हिंदी
रिश्वत =) रिश्वत यह शब्द तो आम सा बोले जाने वाला शब्द है। इसके बकेर तो कुछ लोगों का दिन ही पुरा नहीं होता और रिश्वत के बगेर उनका काम नहीं होता रिश्वत कहा नहीं दी जाती हर जगह रिश्वत देकर काम करवाया जाता है। इसी कारण पढ़ने वाले बच्चें जो दिन रात एक करके मेहनत करने के बाद भी उनका नम्बर नहीं आता क्योंकि रिश्वत खोर तो हर जगह उपस्थित है। पैसे देकर काम बनवाते है। आये दिन हम देखते है कि आज यह परीक्षा रद्द होगयी या इस परीक्षा के पेपर लिक हो गये या परीक्षा अगर बच्चों के नम्बर आभी जाते है तो उन्हें वेटिंग लिस्ट में डाल दिया जाता है। आदि अन्य कारण है। और यह सब काम तभी होते जब किसी ने सरकार को उस परीक्षा के लिए रिश्वत दि हो और सबसे बड़ी बात कि सरकार ही इन्हें बढ़ावा देती है। क्योंकि सरकार खुद रिश्वत खोर है। आखिर बच्चे कहाँ तक तयारी करे कहाँ तक बचे परीक्षा दे क्योंकि रिश्वत खोर वाले पहले लाईन में खड़े है। हम किसी चिज को बढ़ावा देते है। तभी तो आगे उसे बढ़ावा मिलता है। और जनता किस - किस के लिए आन्दोलन करे रिश्वत देकर बड़े - बड़े पद लिए जाते है। यहाँ तक कि हमारे देश में चाहें कैसे भी चुनाव रहें हो हर चुनावो में घुस खोरी चलती है। पैसे देकर वोट खरीदे जाते है। परीक्षा में घुस खोरी राजनीति में घुस खोरी अगर हम यह सोचे कि आज के समय में हमें कोई बिना रश्वत करने वाला इंसान मिल जाए तो यह हमारी गलत फेमी होगी रिश्वत हर छोटी चिज से लेकर हर बड़ी चिज में हम रिश्वत देख सकते जैसे कोई बड़ी स्कूल वह माता पिता चाहते है। हमारा बच्चा वहा पढ़े तो वह नहीं पढ़ पा रहा है। तो उसके लिए वह रिश्वत देकर अपना काम बनवाएगा या में कहुँ कि कोई व्यक्ति बिना ही टिकट रेल में चढ़ा हो तो वह व्यक्ति टिटी को रिश्वत देकर अपना काम बनाने कि कोशिश करेगा जैसे हम देखते है। कि किसी ट्रैफिक पुलिस ने किसी कि गाड़ी पकड़ ली तो वह व्यक्ति और पुलिस पैसे लेकर उस बात को वही रोक देगे या रिश्वत देकर किसी अपराधी को छुड़वाना चाहें तो पुलिस को डरा धमकार रिश्वत देकर उसे छुड़वा लेगे बड़े स्तर में देखे तो मेने बताया है। परीक्षा, राजनेता, चुनावो, आदि सभी में रिश्वत देकर काम बनताया जाता है। हमारी लालच कि सिमा इतनी बढ़ गयी कि हमें किसी भी काम को करने या करवाने के लिए जो गलत करना पड़े हम करते है। क्योंना ना हम लालच करे ही ना पर हमारी और पाने कि चाह कों इतना अंधा कर दिया है। कि हमें अपने से आगे कुछ दिखाई ही नहीं देता है। ऐसा करके हम किसी गरीब के पेट पर और किसी जरूरत मंद लोगो को लात मार रहे है। जो कि बहोत गलत है। किसी का हक मार कर खाना बहोत गलत है। रिश्वत का अर्थ ही यही है। कि किसी का हक मार कर खाना रिश्वत शब्द को हमें अपने जीवन से निकालना होगा रिश्वत के बगर जिना सिखो हमारे लालच कि सिमा को रोकना होगा हमारी लालच ही हमसे गलत काम करवाती लालच ही नहीं होगा तो हम किसी के हक को छुनेने कि जरूरत ही नहीं होगी भगवान ने जितना दे रखा है। उतने में खुश रहना सिखो जब उन्हें लगेगा कि उसे और कि आवश्यकता है। तो वह अपने आप आपके लिए नए रास्ते बनाता चलेगा पर उस रस्ते पर चलते हुए गलत काम को छोड़ना होगा वरना भगवान जैसे देना जानते है। वैसे लेना भी जानते है। समझों रिश्वत जैसे तम्माम गलत कार्यो को बन्द करो धान्यवाद
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