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सास का जुल्म

Roobi sharma 30 Mar 2023 आलेख समाजिक हमारे भारत में अधिकतर सास बहू पर जुल्म हद से ज्यादा कर रही है 36079 0 Hindi :: हिंदी

हमारे समाज में आज भी एक बहू के साथ अत्याचार हो रहा है हमारे देश में ना जाने कितनी ऐसी सांसे हैं जो अपनी बहुओं को खुदकुशी करने पर मजबूर कर देते हैं वह यह नहीं सोचती कि वह भी कभी किसी की बहू थी एक पल भी नहीं सोचती कि हम किस तरह का जुल्म कर रहे हैं हमारे घर की बहू  भी किसी की बेटी है खुद की बेटी से प्यार करो पर नारी का सम्मान करो एक नारी होती है जो शादी के बाद अपने घर का नाम रोशन करती है आने वाला वंश बढ़ाती है और हर सुख दुख में साथ देती है एक बहू ही होती है हम उसके साथ जैसा व्यवहार करेंगे वह हमारे बुढ़ापे पर वैसा ही वापस करेंगी फिर चाहे इज्जत और सम्मान हो या प्यार हो आज के युग में एक मां अपनी बेटी से जितना प्यार करती है उतना बहू से नहीं क्योंकि वह पराए घर से आई है एक बेटी शादी के बाद अपने मायके हर चीज रख दे या हर चीज अपनी ससुराल से भिजवा दे तो वही मां बहुत खुश होती है जब एक बहू यही बात दोहराई तो जलन क्यों पैदा हो जातीहैं ऐसा क्यों तुम्हारी बेटी तुम्हारी और दूसरों की बेटी क्या है उसने क्या किसी की कोख से जन्म नहीं लिया उसकी भी तो मां-बाप है छोटी-छोटी बात पर उसके मां-बाप पर पहुंचना उसके खानदान पर पहुंचना और यही व्यवहार अगर खुद की बेटी के साथ हो तब कितना बुरा लगता है अगर खुद की बेटी देवर ननंद सेकोई रिश्ता ना रखे तो वही मां को अच्छा लगता है और अगर बहू ने कुछ कह दिया तो बुरा क्यों लगता है बात सही या गलत की नहीं है बात समझने की है हमारे समाज का माहौल दिन पर दिन बदलता जा रहा है लोग खुद का चरित्र नहीं देखते खुद केगिरेबान में नहीं देखते कि हमने क्या कमी है और ना ही दूसरों की जज्बातों की कदर करते हैं मुसीबत में अगर जो काम आ जाए वही इंसान कहलाता है घर  परिवार मोहल्ला हो या हमारा देश हो हर समय हर परिस्थिति में अगर मेरे पास किसी और को देने के लिए कुछ है और वह उम्मीद लेकर मेरे पास आता है तो कभी भी मना नहीं करना चाहिए अगर भगवान ने हमारे दोनों हाथों में लड्डू रखा है तो एक हाथ का लड्डू दूसरों को देने में क्या हर्ज है हम खुद के लिए जीते हैं पर असली जिंदगी तो वह है जो दूसरों के लिए भी जिए हमारे भारत में आज भी नारियों के प्रति जुल्म जैसी भावना हर इंसान के अंदर घर कर चुकीहैं पर यह नहीं सोचते कि नारी से ही संसार है 
नारी का सम्मान करने वाले कभी परेशान नहीं रहते जिस घर में नारी का अपमान होता है उसके साथ गंदी वाणी से बात की जाती है उसे गाली दी जाती है उसे हर समय नीचा दिखाया जाता है उस घर में कभी भी लक्ष्मी का वास या सुख शांति नहीं होती मेरा यही मानना है कि हम अपनी बेटी से ज्यादा दूसरों की बेटियों को सम्मान देना चाहिए क्योंकि हमारा बेटा परदेस में रहता है क्योंकि हमारा बेटा परदेस में रहता है और हम अपनी जुबान से ही अपनी बहू के दिल को ठेस पहुंचा देते हैं पर ऐसा क्यों अगर ऐसा ही करना है तो अपनी बेटे की शादी क्यों करते हैं अपनी बेटी की तरह बहू को समझो हम अपने बच्चों को इसलिए पढ़ाते हैं ताकि हमारे बच्चों में अच्छे संस्कार आएं बच्चे जब रोते हैं हम उन्हें वह चीज नहीं देते समय पर थोड़ी देर रोते हैं 1 महीना 2 महीना पर जब हम समय पर संस्कार नहीं दिए तो वह जिंदगी भर रोते हैं 
वैसे ही हम अपनी बहू के साथ जैसा व्यवहार करेंगे हमें वापस में वैसा ही मिलेगा हम अच्छा बोलेंगे तो अच्छा बुढापे पर मिलेगा  हमेशा खुद को अच्छा साबित करने की कोशिश ना करें हमेशा अपनों को जोड़ कर रखें परिवार वह नहीं होता जो परिवार को तोड़ने की कोशिश करें परिवार तो होता है जो परिवार को जोड़ कर  रखें परिवार में अगर मुखिया समझदार है तो वह घर की न्यू पक्की हो सकती है और आने वाले समय में अपने परिवार को एक करके सुकून भरी जिंदगी जी सकता है छोटी-छोटी बातों पर अपनी बहू को अपने घर की लक्ष्मी को ताने मारना उसके चरित्र पर कीचड़ उछालना यह कहां का न्याय है एक औरत होकर भी एक औरत पर लांछन आज हमारी समाज में ऐसी गिरी हुई हरकत है उन्हीं के घर में हो रही है जिनके घर में बड़े खुद समझदार नहीं है दूसरों के गिरेबान से जागने से पहले एक बार खुद के गिरेबान में इमानदारी से झांक कर देखो कोई क्या कर रहा है क्या खा रहा है हमें उस से क्या लेना देना अगर कोई उम्मीद करके हमारे पास आता है तो उसे उसकी सहायता करनी चाहिए ना उसे नीचा दिखाना चाहिए नारी का सम्मान  सबसे महत्वपूर्ण है हमारे भारत में छोटी-छोटी बच्चियों के साथ रेप बलात्कार जैसी भावनाओं ने जन्म ले लिया है यह सब किसकी गलती है मैं गलती नहीं बताता पर मैं इतना जरूर कहूंगी एक मां अपनी बेटी को यह समझा सकती है कि अपने घर की इज्जत बर्बाद मत करना पर वही बात अगर अपने बेटे को समझा जाए कि बेटा दूसरे के घर की इज्जत को खराब मत करना तो शायद आज हमारे भारत में कम ऐसी वारदातें हो बच्चे जब छोटे होते हैं तब हमें उनके दिमाग में अच्छी बात फिट कर देनी चाहिए समय आने पर वही अच्छी संस्कार काम आएंगे बच्चा गलती करता है तुरंत उसे डांटो बेटा हो या बेटी हो सब को अच्छी शिक्षा दी जाए 🙏🙏

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