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विज्ञान और टेक्नोलॉजी के विकास

Rajendra Prasad Gupta 28 May 2023 आलेख समाजिक #साहित्यपतन #काव्य #कहानी #उपन्यास #कला #संस्कृति #ध्यानकमी #साहित्यिकता #बदलतासमय #माध्यमोंकाप्रभाव #शैक्षणिकदबाव #सामाजिकपरिवर्तन #व्यापारीकरण 5898 0 Hindi :: हिंदी

परिचय:
साहित्य को व्यापक रूप से मानवीय अनुभवों, विचारों, और भावनाओं को व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम माना जाता है। साहित्य का एक मुख्य उद्देश्य विचारों, भावनाओं, और अनुभवों को लोगों तक पहुंचाना है ताकि उन्हें समाज, संस्कृति, और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझ सकें।हालांकि, हमारे समय में साहित्य के पतन की चरम स्थिति आ गई है जो साहित्यिक जगत के लिए चिंताजनक है। इस लेख में हम साहित्य के पतन के मुख्य कारणों पर प्रकाश डालेंगे और उनके पीछे की वजहों को समझेंगे।
मुख्य कारण:
1. विज्ञान और टेक्नोलॉजी की प्रगति:
 विज्ञान और टेक्नोलॉजी के विकास ने मानवीय अनुभव को बदल दिया है और लोगों की ध्यान प्रवाह को विभिन्न माध्यमों की ओर खींच लिया है। इंटरनेट, सोशल मीडिया, टेलीविजन, फ़िल्में, वीडियो गेम्स, आदि ऐसे बहुत सारे माध्यम हैं जो व्यावसायिक और मनोरंजनात्मक हैं। यहां तक कि विभिन्न प्रकार के संगठन और सामाजिक मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स भी व्यक्तियों को सामाजिक नेटवर्किंग, खबरों, ब्लॉगों, और अन्य विषयों के साथ जोड़ रहे हैं। इसलिए, इस तकनीकी युग में, लोगों का समय और ध्यान साहित्य के प्रति कम हो गया है।
2. व्यापारीकरण: 
साहित्य इतिहास में, कई साहित्यिक कार्य लोगों तक पहुंचाने का माध्यम थे जो समाज के मुद्दों पर विचार करने, उन्हें प्रभावित करने, और सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने में मदद करते थे। हालांकि, आधुनिक समय में साहित्य को व्यापारिक उद्देश्यों के लिए बदल दिया गया है। प्रकाशकों और लेखकों को कमर्शियल सफलता के लिए आकर्षित करने के लिए पुस्तकों को मनोरंजनात्मक और सुपरहीरो कथाओं की तरह तैयार किया जाता है, जो कथानकों की गहराई और सामाजिक संघर्ष की प्रतिस्पर्धा को कम करता है। ऐसे माध्यमों में साहित्य को व्यापारिक उत्पाद के रूप में तर्कसंगत नहीं माना जाता है और इसलिए विचारों के लिए प्रमुख साधन नहीं रहे हैं।
3. ध्यान की कमी: 
आधुनिक जीवनशैली में, मनोरंजन के विभिन्न स्रोतों, खोखले मनोरंजन, और नवीनतम प्रौद्योगिकी की मुख्यता के चलते ध्यान की कमी हो गई है। इसके परिणामस्वरूप, लोग विचारों, कविताओं, कहानियों, और उपन्यासों जैसे साहित्यिक आवाजों को सुनने और पढ़ने के लिए अपना समय नहीं निकाल पा रहे हैं।
4. शैक्षणिक दबाव:
 शैक्षणिक प्रणाली में भी बदलाव का असर साहित्य पर पड़ रहा है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली में, विज्ञान, गणित, और तकनीकी विषयों को प्राथमिकता दी जाती है, जिसके कारण साहित्य को कम महत्व दिया जाता है। विद्यार्थियों को विभिन्न पाठ्यपुस्तकों और नोट्सों में विचारों की जगह तकनीकी जानकारी को याद करने की आदत डाली जाती है।
5. सामाजिक परिवर्तन:
 वर्तमान समाज में उभरते सामाजिक परिवर्तन और वैज्ञानिक प्रगति ने साहित्य को प्रभावित किया है। मानव विज्ञान, मनोविज्ञान,सामाजिक विज्ञान, और राजनीतिक विज्ञान जैसे विषयों में तेजी से विकास हुआ है, जो लोगों की दृष्टि को इन दिशाओं में स्थानांतरित करता है और साहित्य के प्रति रुचि को कम करता है।
निष्कर्ष:–
वास्तविकता के चरम स्तर पर, साहित्य के पतन के विभिन्न कारण हैं, जिनमें से कुछ को उपरोक्त सूची में उदाहरण दिया गया है। यहां ध्यान देने योग्य है कि यह पूर्णतः निर्भर करता है कि एक व्यक्ति किस प्रकार की साहित्यिक अनुभूति को खोज रहा है और क्या उसे समाज और संस्कृति के विभिन्न माध्यमों से प्राप्त करने का आकर्षण है। अगर हम साहित्य के महत्व को संजोने के लिए उचित माध्यमों और उपायों का उपयोग करते हैं, तो हम साहित्य के पतन को रोक सकते हैं और इसे नई ऊर्जा और प्रासंगिकता के साथ बदल सकते हैं। 

नोट:–पाठकगण से हाथ जोड़कर नम्र निवेदन है कि, पोस्ट अगर अच्छा लगे तो कमेंट और लाइक साथ-साथ शेयर करना ना भूले, आप लोगों द्वारा दिए गए लाइक एवं कमेंट से लेखक अपने आपको गौरवान्वित महसूस करता है। 🙏🙏

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