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मां और घर-परिवार की बंदिशों में दफन

Anjani pandey (sahab) 19 Nov 2023 शायरी समाजिक 15720 0 Hindi :: हिंदी

मैने देखा उसकी आंखो में 
  लोहे जैसी आग की तपन थी
वही हर रोज खून का घूंट पीना
       मगर परिवार की बंदिशों में दफन थी

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