Uma mittal 30 Mar 2023 आलेख धार्मिक ज्योतिर्लिंग 21683 0 Hindi :: हिंदी
सावन का महीना हो और भोले बाबा के 12 ज्योतिर्लिंगों की चर्चा ना हो ,ऐसा नहीं हो सकता | उन्हीं 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है झारखंड का प्रसिद्ध श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग | वैद् का अर्थ है डॉक्टर और वैद्यनाथ का अर्थ है डॉक्टरों का डॉक्टर |यहां भगवान शिव जी डॉक्टर की तरह भक्तों की सारी बीमारियां दूर करते हैं क्योंकि यह स्थान रोग मुक्ति के लिए बहुत प्रसिद्ध है |यहां पुरानी से पुरानी बीमारी भी ठीक हो जाती है और हर प्रकार की मुरादें पूरी होती हैं |यहां लोग कांवर लेकर दर्शन करने आते हैं और शिव को जल चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं ,जो भगवान शिव जी अवश्य पूरी करते हैं| आज से 40 साल पहले वहां पर जाना बहुत ही दुर्लभ था | रास्ते कच्चे, ऊंचे नीचे पहाड़ और जगह-जगह सांप बिच्छू का डर ,पर भक्त फिर भी शिव जी के जयकारे लगाते पहुंच जाते थे | शिव भक्तों की टोली गेरुआ वस्त्र में कावर उठाई चलती थी और किसी से कुछ कहना, बोलना हो तो ‘बम ‘शब्द का प्रयोग किया जाता था जैसे “चल बम”,” खा लो बम” आदि |यहां आकर तीर्थ का आनंद आ जाता है अब तो हर प्रकार से सुविधा हो गई है | कहते हैं लंका का राजा रावण भगवान शिव जी का बहुत बड़ा भक्त था | वह उनकी बहुत पूजा किया करता था | एक दिन उसकी मां ने कहा कि “तुम भगवान शिव के दर्शन के लिए हमेशा कैलाश पर जाते हो क्यों ना तुम भगवान शिव जी को ही लंका ले आओ “| लंका का राजा रावण भगवान शिव के दर्शन के लिए कैलाश पर्वत पर जब गया, तब उसने भगवान शिव जी की बहुत ज्यादा पूजा की | रावण की पूजा से खुश होकर भगवान शिव जी ने रावण को वरदान मांगने को कहा | रावण ने भगवान शिव जी से शिवलिंग को अपनी लंका में ले जाने का वर मांगा | भगवान शिव जी ने कहा” तुम ,शिवलिंग ले जा सकते हो किंतु अगर तुम इसको कहीं भी रख दोगे तो वह वही अचल हो जाएगा और नहीं उठेगा”| रावण मान गया पर रास्ते में उसे लघुशंका जाने की आवश्यकता हुई |उसी समय भगवान की माया से एक लड़का रावण को वहीं पर दिखाई दिया |रावण ने उस शिवलिंग को उस लड़के को पकड़ा दिया और वह लघुशंका के लिए चला गया | वास्तव में भगवान शिव जी रावण के साथ लंका नहीं जाना चाहते थे |उस लड़के को शिवलिंग भारी लगा और उसने वह शिवलिंग जमीन पर रख दिया और चला गया | रावण ने जब उस शिवलिंग को धरती पर पड़ा हुआ देखा तो उसने अपना पूरा जोर लगाया ताकि शिवलिंग उठे पर वह बिल्कुल नहीं उठा |तब गुस्से में आकर उसने उस शिवलिंग पर जोर से अपना अंगूठा दबा दिया और वापस लंका लौट गया |आज भी भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग पर उस रावण के अंगूठे के निशान हैं |उस शिवलिंग की पूजा करने सभी देवी देवता और ब्रह्मा ,विष्णु भगवान भी आए इसीलिए इसको देवघर भी कहा जाता है अर्थात देवताओं का घर | वहां एक प्रसिद्ध शिव जी का ज्योतिर्लिंग स्थापित हो गया | जो भी भक्त वहां जाते हैं ,मन की सारी मुरादे पाते हैं और तीर्थ यात्रा को भूल नहीं पाते हैं | पुराणों में वर्णित है कि जो भी मनुष्य इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है, उसे समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है और उसे रोग और शोक से भी छुटकारा मिलता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है | बम बम भोले || उमा मित्तल राजपुरा टाउन ( पंजाब)