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शिव शंकर(शिवा)

शिव शंकर(शिवा)

शिव शंकर(शिवा)

@ --78
, Uttar Pradesh

I am a m.sc chemistry student. I have a lot of heart in writing shayari ghazal and poetry.

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My Articles

उनको चूड़ी न कंगन,कहा भायेगा। अंगुलियों मे अँगूठी ना, रह पायेगा।। वो तो सिम्पल मे रहती है, बुध्धू सदा। उनके बिना आशियाना, कहा आयेगा।। read more >>
मेरी आखे समंदर सी होने लगी । याद तेरी बवंडर सी होने लगी।। कर जो देती अकेला मुझे छोड़ कर। शिवा की धड़कने, बस ये रोने लगी।। शिव शंकर (शिव read more >>
उन्हे लगता हैं कि हम उनको परेशान करते है। पर ये बता दूँ की ऐसे हम जानेसार करते है।। घुटन सी होने लगती है अक्सर, उनको मेरी बातो से। क्या read more >>
एक बात पूछनी है तुम से मिल जाये तेरी जिन्दगी मे हम से अच्छा कोई तो सच बताओ मुझे छोड़ तो नही दोगी शिव शंकर (शिवा)...✍ read more >>
बहुत बेचैन करती है तेरी होठों की सुर्खिया पर तेरी आखो की काजल कमाल करती है शिव शंकर (शिवा)...✍️ read more >>
हम तो चाहे,उन्हे उनका दिल देखकर। गले पर काला, प्यारा सा तिल देखकर।। तिरछी नजरो से करती इसारा हो जब। दिल हुआ तब से घायल कातिल देखकर।। read more >>
हर तलब उनसे धोखा, हम खाते रहे। जानते थे हम सब ,पर मुस्कुराते रहे।। लग गई थी आदत,हमे उनकी अब। प्यार थी वो इस लिये, हम निभाते रहे।। श read more >>
तेरी गालो का डिम्पल कमाल करती है। तिरक्षी नजरें तेरी बस बवाल करती है।। तेरी होठ है गुलाबी रसीली मगर। गले का तिल हर पल सवाल करती है।। read more >>
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