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राहुल गर्ग

राहुल गर्ग

राहुल गर्ग

@ --84
, Madhya Pradesh

मै राहुल कुमार गर्ग मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में आयुध निर्माणी में कार्यरत हूँ और मुझे हिन्दी और हिन्दी साहित्य में अपनी शिक्षा की शुरूआत से ही रूचि रही है। मैंने अपने संस्थान में हिन्दी साहित्य जैसे कविता, निबंध लेखन आदि के क्षेत्र में कई पुरूस्कार प्राप्त किये है और मेरा प्रयास नवीन रचनाओं की ओर अग्रसर है आशा है आप सभी मेरी कृतियों को पंसद करेंगे।

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My Articles

मैं उस दौर में हूँ जहां, सबके शामियाने हैं । हर जगह अपने लिए, सबके पास बहाने हैं ।। एक मेरा ही घरौंदा है, जहाँ दीपक जलता है और सभी को तो, ए� read more >>
तुम इरादे बना लो, तो जोड़ सकती हो मुझे। तुम रास्ता बना लो, तो मोड़ सकती हो मुझे।। मैंने कुछ इस कदर कर दिया है, खुद को तेरे हवाले । कि म� read more >>
वो बातों में शब्दों को कुछ ऐसे पिरोता है। कि जैसे हीरे के पानी से मोती को धोता है ।। मैं निशब्द हूँ उसके फलसफा-ए-जिंदगी को देखकर। कि read more >>
अनजान हूँ मैं अपने ही दिल ऐ मिजाज से ये कमबख्त ख़ुद को ही तन्हा कर लेता है ।1। नहीं रह पाता है कभी उसके बगैर फिर क्यूँ ये उससे लड़ाई म� read more >>
शब्द चुभने से लगे जब वो दूर हुए हम उन्हें मनाने में यू थक के चूर हुए ।। उसकी आशिकी में खुद को इस तरह डुबो दिया कि एक अर्सा बीत गया हमे� read more >>
देश का सम्मान करो तुम, ये विश्व में छा जाएगा सही अगर मतदान करो तुम, ये शीर्ष पर चढ़ जाएगा जब तुम जन मंचों से, खुद इसका गुणगान नहीं करते � read more >>
मेरी बेरंग सी जिंदगी में कुछ रंग भर गया चंद पल की खुशियों को यूँ बुलंद कर गया। तू आया था मेरे साथ बस चार दिन के लिए एक दाग था कुछ वर्ष read more >>
चल तो रहा हूँ, पर रुक नहीं सकता अपनी सोयी हुयी किस्मत को, अब जगा नहीं सकता।। मैंने अपने सपनों को, उसी दरिया में बहा दिया जिसके किनारे read more >>
अनगिनत ख्वाहिशों का पुलिंदा, और उसका सार भी है। जिद्दी हुए परिंदों का, खुला आसमान भी है। तेरी जहनत में हर मजहब के लिए सजदा हिन्दु की read more >>
ये कौन है, जो घर में शाम को बस आता है । ये कौन है, जो मुझे थोड़ा सा प्यार जताता है ।। मेरी भी आंखे तकती है,  अब माँ के साथ ये कौन है, जो सब� read more >>
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