आज ही क्यों नहीं ?
एक बार की बात है एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था | गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन read more >>
मेरा पल मां के लिए,
मेरा कल मां के लिए,
मेरा प्यार मां के लिए,
मेरा दुलार का के लिए,
मेरा त्याग मां के लिए,
मेरा राग मां के लिए,
मेरी जीत मा read more >>
हम सब लोग जानते है कि जल के बिना इस प्रकृति में जीवन की कल्पना नही की जा सकती। परंतु सबसे दुख की बात यही है कि इंसान के लिए आज इस प्रकृति � read more >>