# जिन्दगी .....
मध्यमवर्गीय जिंदगी ,
कर्जदारों की बंदगी
बंट गई है किश्तों में ,
आगे और कुछ नहीं ......!
चिन्ता नेताम " मन "
नगर पंचायत डों� read more >>
# कभी कांटा , कभी गुलाब ......
रह गई ,
जिंदगी अब तो
कभी कांटा ,
कभी गुलाब ....!
उलझी हुई ,
इस कहानी के
के पात्र हैं ,
मैं और आप ....!
रह गए ,
दिल में
क� read more >>
# मेरे जवान .....
करता हूं
तेरे जज्बे को
तहे दिल से
बारंबार सलाम ....
माय गॉड
सत श्री अकाल
जय श्री राम
मेरे जवान ....!
मुझे इससे कुछ ,
लेना-दे� read more >>
# सुप्रभात....
जो चाय ,
सुड़क कर पीते ...!
जो दारु ,
जाम पे जाम ...!
छल्ले उड़ाते ,
कश लगाते हुए
जो लेते ,
प्रभु का नाम ...!
जो ना छोड़े
ये आदत ...!
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समसामयिक व्यंग रचना......
# नशा मुक्ति अभियान .....
कहीं कार्यक्रम था
नशा मुक्ति का
इसे छोड़ने की ,
अचूक युक्ति का .....!
मंच पर नेताजी ,
जनाब � read more >>
# सुप्रभात .....
यत्र - तत्र - सर्वत्र ,
व्याप्त यहां विज्ञान ...!
तन , मन , प्राण , आत्मा ,
ये जीवन के चार आयाम ....!
आओ जाने इसे हम ,
आखिर क्या है आत� read more >>