है कौन जानती है ,
किस घर जाएगी, वो एक दिन ।
बाबुल के आंगन से निकल,
सासरे का वंश बढ़ाएगी एक दिन ।
आई वो घड़ी जब उसका विवाह हुआ,
पत्नी बन पति read more >>
बचपन
.........एक जमाना था
जब हम भी बच्चो की श्रेणी में आते थे
मां बेशक उठाती रहे
हम चादर तान फिर सो जाते थे
जब स्कूल से छुट्टी चाइए होती थी
प read more >>
बेटियो को समर्पित
.......…......
तुम हो किसी की बेटी
किसी का अंश हो तुम
तुम हो किसी की पत्नी
किसी का प्यार हो तुम
तुम हो किसी की मां
किसी की read more >>