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मारूफ आलम

मारूफ आलम

मारूफ आलम

@ maroof-aalam
, Uttar Pradesh

मारूफ आलम, शायर हैं जो गजल नज्म लिखते हैं विभिन्न बेबसाइट पर इनकी शायरी का प्रकाशन होता रहता है ये उत्तर प्रदेश के जिला रामपुर के छोटे से गाँव सनकरा के मूल निवासी हैं इन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई जिला रामपुर मे ही की है पोस्ट ग्रेजुएशन मुरादाबाद टी एम यू युनिवर्सिटी से किया है पत्रकारिता की पढ़ाई की है इनकी गजलें गूगल पर पढ़ी जा सकती हैं साथ ही इनकी ई पुस्तकें, सजायाफ्ता लोग,उजले शहर,कारवां वाले अमेजन. काम से डाउनलोड कर सकते हैं

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My Articles

दायरा समेट लिया चुपके से सवेरों ने कदम रख दिया हैं लगता है अंधेरों ने हमारे जाल मे हलचल काहे को होगी दरिया खंगाल लिया कब का मछेरों ने read more >>
मुहब्बत के इस आंगन मे दूरी बांट दोगे क्या जंगल लूटकर हमे बेनूरी बांट दोगे मुहब्बत बांटने मे बड़े कंजूस हो तुम लोग जब नफरत बांटनी हो प read more >>
हल्की फुल्की पतली सी एक दरार से ताकता रहता हूँ दुनियाँ को इस पार से दरिया बहाकर ले जाता है अपने साथ कट कर गिरती है जो मिट्टी किनार से read more >>
जब मुझ पर जुल्म हुआ तुम खामोश रहे जब तुम पर जुल्म हुआ मैं खामोश रहा इस खामोशी का ना तुम्हे कुछ फायदा हुआ ना मुझे कुछ फायदा हुआ अगर किसी read more >>
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