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Nikhil Kumar

Nikhil Kumar

Nikhil Kumar

@ nikhil-kumar
, Uttar Pradesh

Mughe likhna pasand hai reality pe.

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My Articles

जिनके बिना न होती ये दुनिया, माँ का प्यार है अपार और अमर है। जन्म दिया है हमें वो माँ की आगोश में, प्यार से आंचल में सजाया है हमें। मुस� read more >>
राह भटकी सियासत की, राष्ट्र के नेताओं की गरिमा घटी, दिशाहीनता के जाल में पड़े, महानताओं की अमर गाथा है यही। हर दिन भ्रष्टाचार का चिंतन, � read more >>
चंद सस्ती ख्वाहिशों पर सब लुटाकर मर गईं नेकियाँ ख़ुदगर्ज़ियों के पास आकर मर गईं जिनके दम पर ज़िन्दगी जीते रहे हम उम्र भर अंत में वो ख्वा read more >>
किसने जाना कि कल है क्या होगा कुरबतें या के फ़ासला होगा आज रोया है वो तो रोने दो हो न हो ख़ुद से वो मिला होगा चांद जो पल में बन गया मिट् read more >>
झिलमिलाते हुए दिन रात हमारे लेकर कौन आया है हथेली पे' सितारे लेकर हम उसे आँखों की देहरी नहीं चढ़ने देते नींद आती न अगर ख़्वाब तुम्हारे � read more >>
ढल गया दे के रोशनी सूरज कह गया बात इक नई सूरज एक्टिंग डूबने की करता है डूबता तो नहीं कभी सूरज शाम होते ही छोड़ जाता है रोज़ ऑंखों में कु� read more >>
इन ढालों के दुर्गम पथ पर देखे रोज़ फिसलते लोग फिर कैसे शिखरों पर पहुँचे बैसाखी पर चलते लोग प्यारी नदियों की आहों पर हृदय तुम्हारा पि� read more >>
इन ढालों के दुर्गम पथ पर देखे रोज़ फिसलते लोग फिर कैसे शिखरों पर पहुँचे बैसाखी पर चलते लोग प्यारी नदियों की आहों पर हृदय तुम्हारा पि� read more >>
इन ढालों के दुर्गम पथ पर देखे रोज़ फिसलते लोग फिर कैसे शिखरों पर पहुँचे बैसाखी पर चलते लोग प्यारी नदियों की आहों पर हृदय तुम्हारा पि� read more >>
इन ढालों के दुर्गम पथ पर देखे रोज़ फिसलते लोग फिर कैसे शिखरों पर पहुँचे बैसाखी पर चलते लोग प्यारी नदियों की आहों पर हृदय तुम्हारा पि� read more >>
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