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Rupesh Singh Lostom

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मैं भी तो आप के जैसा बस थोड़ा सा अधूरा नर नारी दोनों मैं मेरे पास भी दो ऑंखें दो हाथ दो पैर सूरत भी आप से मिलता फिर काहे तू भागे हम से read more >>
इश्क़बाज़ सुना हैं तू मुझ पे मरने लगी हैं मेरे ही नाम के माला जपने लगी ये हकीक़त हैं या कोई फ़साना तो नहीं सुना आज कल खूब तू सवरने लगी हैं read more >>
मैं सैनिक हूँ देश के रक्क्षक मैं सैनिक हूँ मैं देश की सुरक्क्षा करता हूँ सरहद के निगहबानी करता हूँ मेरे भी अपने हैं अपने भी कुछ सपने read more >>
तेरी तस्वीर आँखो में बसाये रखा हैं कुछ राज़ हैं जो सिने में दबाये रखा हैं फिर ये मत कहना कि बताया नहीं तेरी यादों को दुल्हन बनाये रखा ह read more >>
उसे भुलाना चाहता हु यादों से भी मिटाना चाहता हु पर ये कमवक़्त दिल हैं की उसे भूलता ही नहीं मैं तंग आगया उसे तनहा प्यार कर के आँखों मे read more >>
तू अब साँस बनके सांसो में घुलने लगा है तू बातों ही बांतों में हर बात पे रूठने लगा हैं आँखों से आँख आँख क्यों चुराने लगा हैं तू काहे क read more >>
पिली साड़ी बाली नखरे खूब दिखाती हैं सारि सारि रात जगाती हैं अपने हुस्न के जादू से मुझपे रौब खूब जमाती हैं पिली साड़ी बाली थोड़ी नखरेल read more >>
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