तीसरी अदालत क्या है
हां मेरा खुद का एक अदालत है।
जिसमें मैं खुद एक गुनाहगार होता हूं।
और मेरी भावनाएं वकील होती है।
और मेरी अंतर� read more >>
बदलाव खुद में होना चाहिए , तभी दुनिया बदलती है,
बदलाव ,सफल भविष्य का दर्पण है,
मेहनत उस दर्पण में दिखने वाला छवि है,
जो मेहनत से भागते है� read more >>
अगर हम आप लोगों से, यह कहते हैं कि, हम लोग प्रतिदिन, चारों युगों का बोध लेकर,
जीते हैं, यह बात कुछ अटपटी लगेंगे,
आओ हम इस लेख के जरिए, कुछ उद� read more >>
हां मैं कभी थकता नहीं मैं कभी रुकता नहीं, क्योंकि मैंने अपनी पत्नी से-- वादा किया है उसे हर खुशियां दूंगा,- हां मैंने वादा किया है_ कि उसे � read more >>
हमारा मन अनंत है, और मन के कोने में, हम जिस विचारों को धारण करते हैं, जैसे कोई आधी बातें लिखकर, राइटर उसे
पूरा करना चाहता है, समस्त रचना म read more >>
उसका नाम विनोद था, सारी जिम्मेदारियां,
उसके कंधों पर था,
वह प्रतिदिन अपने पिता के लिए, शराब लाने के लिए, जाया करता था, उसी शराब के कारण, � read more >>