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Tulasi Seth

Tulasi Seth

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@ tulasi-seth-77
, Odisha

I am a housewife and I love to read and write

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My Articles

तुम्हें भुल न‌ पाने की चाहत और याद करने की गुनाह कर बैठे हैं न चाहते हुए भी, बिमारी दिल की जाने कब से पाले बैठे हैं । read more >>
बेहतर ही होता के, तुम से कभी हम मिले न होते युंही बेवजह इस तरह ‌‌सिने मे कोई दर्द छुपाए तो न होते। read more >>
होगे अमीर तुम हैसियत से बहुत दिल के अमीर तो हम ही रहेंगे फासले लाखों हजार हो चाहे हमेशा तुम्हें हम याद रखेंगे। read more >>
दिल के करीब रहने वाले आवाज न दिल की सुन रहे हैं भरी भीड की महफ़िलों में भी तनहा अकेले हम जी रहे हैं। read more >>
हक की आजादी में , न जाने कहां ‌कैद हो ग‌ए हैं, उड़ना चाहते थे तितलियां की तरह कटी पतंग सी अब बिखर गए हैं। read more >>
हमें उनके सुरत से नहीं सीरत से ही, चाहत हो गई देखें बिना ही आबाज से उनकी हजारों में उनकी पहचान हो गई। read more >>
तसल्ली है दिल को के तुम्हें हमसे उल्फत न हुई, होती भी कैसे ! तुम्हें तो किसी की जरूरत न हुई । read more >>
होठों की सहमी हुई बातें दिल की आंखों से ही कभी पढ लो ना हर बो बात जो कह नहीं पाते इसारों से ही कभी समझ लो ना। read more >>
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