मैं अपने जख्मों पर भी मुस्कुराना चाहती हूं,
मैं जैसी हूं वैसी ही रहना चाहती हूं,
सुना है कमजोर को और दर्द देती है,
ये दुनिया,
इसलिए मैं खुद को ,
मजबूत बनाना चाहती हूं।
टूटना क्या होता है,
ये उससे पूछो,
जो घर की चार दीवारो तक ही सिमट जाती है।
उड़ान उसे भी भरनी थी,
लेकिन वो परिवार, बच्चे, घर,
इनमें ही उलझ कर read more >>
परखना है खुद को तुझे,
तो खुद की तलाश में जुट,
पाना है अपने आपको अगर,
तो अंधियारे में रोशनी बन उठ,
करने है ना सपने पूरे सभी,
करने हैं ना सपन read more >>