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रोला छंद

संदीप कुमार सिंह 23 Apr 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 7531 0 Hindi :: हिंदी

अब तो आंखें खोल,देख अदभुत नव सूरज।
भारत का हूं लाल,तिलक करता हूं भूरज।।
गति में सारे लोग,फलक छूने में आगे।
हासिल करे मुकाम,गोली से दुश्मन दागे।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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