Anjani pandey (sahab) 20 Jul 2023 शायरी समाजिक 29128 0 Hindi :: हिंदी
शहर की धूप और जलती लाइटों का सहारा हजार हजार ख्वाहिश बस कल्पना है सारा और मन को बहलाने की कोशिश कर लू बेकार है बस अपना गांव हो, और वही नदी का किनारा
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