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इस गणतंत्र वर्ष मुख्य न्यायधीश के पद तक दलित

Saurabh Sonkar 26 Jan 2024 आलेख समाजिक 75वें गणतंत्र दिवस की बधाई ....🇮🇳🇮🇳🇮🇳 इस गणतंत्र वर्ष मुख्य न्यायधीश के पद तक दलित यह वर्ष निश्चय ही भारत के लोकतंत्र के इतिहास में लोकतंत्र की जीत तथा विशेष समृद्ध एवं महत्वपूर्ण वर्षों में से एक है जहाँ भारत के सबसे शीर्षतम स्तम्भों में से एक सुप्रीम कोर्ट के 51 वें मुख्य न्यायधीश CJI के रूप में पहली बार कोई अनुसूचित जाति से पद भार ग्रहण करेगा । और आगे यह सिलसिला जारी भी रहेगा .... कोलेजियम व्यवस्था लोक आलोचनाओं के कारण भारी दबाव में चल रही हैं ये उसी का परिणाम है। कोलेजियम व्यवस्था में वर्तमान वरिष्ठता नियम की अनदेखी न की गई तो 11 नवम्बर 2024 को जस्टिस संजीव खन्ना SC में CJI के पद की शपथ लेंगे और 13 मई 2025 बने रहेंगे फिर .....निश्चिय ही यह लोकतंत्र की महान उपलब्धियों में एक कार्य होगा । यहाँ यह ज्ञात रहे कि वर्तमान में SC में कुल 34 न्यायधीशों में 4 अनुसूचित जाति से हैं तथा OBC और ST वर्ग से कोई भी न्यायधीश नहीं हैं । #SDM_जबलपुर_बनाम_शिवाकांत_शुक्ला_बंदी_प्रत्यक्षीकरण मामले में जस्टिस हंसराज खन्ना ( जस्टिस संजीव खन्ना के चाचा ) ने 5 सदस्यीय पीठ में 4 -1 से असहमति पूर्ण फैसले के कारण वर्तमान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कोलेजियम के वरिष्ठता नियमों की अनदेखी कर जस्टिस मिर्ज़ा हमीदुल्लाह बेग जोकि जस्टिस हंसराज खन्ना के जूनियर थे को मुख्य न्यायधीश बना दिया था जबकी उस समय सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायधीश हंसराज खन्ना जी थे जिसके विरोध में हंसराज खन्ना जी ने अपने पद से इस्तीफा दे दे दिया था । जस्टिस हंसराज खन्ना ने ही #केशवानंद_भारती_बनाम_केरल_राज्य_मामले में अनु० 368 के तहत संविधान संशोधन की लगातार हों रही तीव्र प्रक्रिया को सीमित करने के संविधान की मूल संरचना के सिद्धांत को लिखा था । जस्टिस संजीव खन्ना ने SC में न्यायधीश पद पर प्रमोशन के लिए अपने कार्यकारी हाईकोर्ट के 32 सीनियर जजों को अपदश्त करने का कार्य भी किया था जो काफी विवाद का एवं विरोध का विषय भी रहा । यह फैसला एक प्रकार से उनके चाचा जस्टिस हंसराज खन्ना के साथ इंदिरा गांधी द्वारा हुये भेदभाव की छतिपूर्ति जैसा था जस्टिस संजीव खन्ना ने नोटबंदी , अनु०142 के तहत सीधे तलाक , वोटिंग में VVPAT पर्ची लगाने, काश्मीर 370 मामला, RTI के दायरे में न्यायालय मामला ,1984 के सिख दंगे में सज्जन कुमार की दोष सिद्धि इत्यादि महत्वपूर्ण मामलों में सहमति पूर्ण फैसले रहे । आजादी के इतने वर्षों बाद समाज के दमित तबके से CJI के पद तक पहुँचना निश्चित तौर पर लोकतंत्र को सबसे बड़ी जीत है और यह गणतंत्र दिवस सबसे बड़ा उत्सव वर्ष .......🇮🇳🇮🇳🇮🇳75वें गणतंत्र दिवस की बधाई ....🇮🇳🇮🇳🇮🇳✍️✍️✍️ सौरभ सोनकर 17469 0 Hindi :: हिंदी

इस गणतंत्र वर्ष मुख्य न्यायधीश के पद तक दलित 

75 वें गणतंत्र दिवस की बधाई 🇮🇳🇮🇳🇮🇳

यह वर्ष निश्चय ही भारत के लोकतंत्र के इतिहास में लोकतंत्र की जीत तथा विशेष समृद्ध एवं महत्वपूर्ण वर्षों में से एक है जहाँ भारत के सबसे शीर्षतम स्तम्भों में से एक सुप्रीम कोर्ट के 51 वें मुख्य न्यायधीश CJI के रूप में पहली बार कोई अनुसूचित जाति से पद भार ग्रहण करेगा । और आगे यह सिलसिला जारी भी रहेगा .... कोलेजियम व्यवस्था लोक आलोचनाओं के कारण भारी दबाव में चल रही हैं ये उसी का परिणाम है।

कोलेजियम व्यवस्था में वर्तमान वरिष्ठता नियम की अनदेखी न की गई तो 11 नवम्बर 2024 को जस्टिस संजीव खन्ना SC में CJI के पद की शपथ लेंगे और 13 मई 2025 बने रहेंगे फिर .....निश्चिय ही यह लोकतंत्र की महान उपलब्धियों में एक कार्य होगा । यहाँ यह ज्ञात रहे कि वर्तमान में SC में कुल 34 न्यायधीशों में 4 अनुसूचित जाति से हैं तथा OBC और ST वर्ग से कोई भी न्यायधीश नहीं हैं ।

#SDM_जबलपुर_बनाम_शिवाकांत_शुक्ला_बंदी_प्रत्यक्षीकरण मामले में जस्टिस हंसराज खन्ना ( जस्टिस संजीव खन्ना के चाचा ) ने 5 सदस्यीय पीठ में 4 -1 से असहमति पूर्ण फैसले के कारण वर्तमान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कोलेजियम के वरिष्ठता नियमों की अनदेखी कर जस्टिस मिर्ज़ा हमीदुल्लाह बेग जोकि जस्टिस हंसराज खन्ना के जूनियर थे को मुख्य न्यायधीश बना दिया था जबकी उस समय सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायधीश हंसराज खन्ना जी थे जिसके विरोध में हंसराज खन्ना जी ने अपने पद से इस्तीफा दे दे दिया था ।

जस्टिस हंसराज खन्ना ने ही #केशवानंद_भारती_बनाम_केरल_राज्य_मामले में अनु० 368 के तहत संविधान संशोधन की लगातार हों रही तीव्र प्रक्रिया को सीमित करने के संविधान की मूल संरचना के सिद्धांत को लिखा था ।

जस्टिस संजीव खन्ना ने SC में न्यायधीश पद पर प्रमोशन के लिए अपने कार्यकारी हाईकोर्ट के 32 सीनियर जजों को अपदश्त करने का कार्य भी किया था जो काफी विवाद का एवं विरोध का विषय भी रहा । यह फैसला एक प्रकार से उनके चाचा जस्टिस हंसराज खन्ना के साथ इंदिरा गांधी द्वारा हुये भेदभाव की छतिपूर्ति जैसा था

जस्टिस संजीव खन्ना ने नोटबंदी , अनु०142 के तहत सीधे तलाक , वोटिंग में VVPAT पर्ची लगाने, काश्मीर 370 मामला, RTI के दायरे में न्यायालय मामला ,1984 के सिख दंगे में सज्जन कुमार की दोष सिद्धि इत्यादि महत्वपूर्ण मामलों में सहमति पूर्ण फैसले रहे ।

आजादी के इतने वर्षों बाद समाज के दमित तबके से CJI के पद तक पहुँचना निश्चित तौर पर लोकतंत्र को सबसे बड़ी जीत है और यह गणतंत्र दिवस सबसे बड़ा उत्सव वर्ष पर्व है। 🇮🇳🇮🇳🇮🇳75 वें गणतंत्र दिवस की बधाई🇮🇳🇮🇳🇮🇳✍️✍️✍️ सौरभ सोनकर

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