Samar Singh 24 May 2023 गीत दुःखद आप सोचे कुछ, और मुहब्बत में वो दगा कर जाए, फिर क्या सितम होता है, पूछिये मत। 5235 0 Hindi :: हिंदी
सोचा था, आसमां से बरसात होगी। अपनी जिन्दगी, उनके साथ होगी। सुना था, चाह दिल में हो तो, फरिश्ते उतर आयेंगे। रेगिस्तान में भी मोती बिखर जायेंगे। पत्थर में भी, एक दिन फूल खिलेंगे। हमें क्या पता था, उनके बिन ये शूल मिलेंगे। ये बावला, बुते बे पीर से मुहब्बत जताई, । अपने दिल की, हर अरमान, हर चाहत बताई। बेवफाई की मिली, बख़्शिश मुझे। तनहाई की मिली, आशीष मुझे।। खिजा में सावन को बुलाया था, अपनी हंसी जिंदगी को रुलाया था। दर्द के ईंट से ये आशियाँ बनाया था, गम के खजाने से ये राह सजाया था। रुसवाई मिली जिंदगी से, विदाई मिली बंदगी से। कहाँ जाए हम, कैसे छुपाये गम। अब तो मौत दे दे ऐ! खुदा, बस यही है दुआ। सह लिए सारे सितम, जो हुआ सो हुआ। क्यों गूंजती है हर वक्त, कानों में उसकी ही सदा। कर मुझे अब अलविदा अलविदा। रचनाकार- समर सिंह " समीर G "