Samar Singh 22 Sep 2023 गीत दुःखद जिंदगी के सपने जब टूट जाते है, तो नींद गायब हो जाती है, किसी चीज के लिए होश नहीं रहता है। 8477 0 Hindi :: हिंदी
मेरा सपना भी टूटा, और मेरा ही दोष है, ऐ! जिंदगी मुस्कुरा दे, क्यों खामोश है। जमीं ठहरी सी है, बात सहमीं - सहमीं। तेरे - मेरे दरमियाँ, क्या हुई गलतफहमीं। नींद गायब है, अब न होश है, ऐ! जिंदगी मुस्कुरा दे, क्यों खामोश है। न वो निगाहें, न वो नज़ारें हैं। चाँद गायब है, अकेले रह गए सितारें हैं। सोई हुई रात है, सपने भी बेहोश है, ऐ! जिंदगी मुस्कुरा दे, क्यों खामोश है। तकदीर ऐसी रूठी है, सारे वादे उसकी झूठी है। बीच मझधार में यूँ फँसा, चाहत की नाव भी टूटी है। तैरकर पर कर लूँगा, बस इतना ही संतोष है। ऐ! जिंदगी मुस्कुरा दे, क्यों खामोश है। रचनाकार- समर सिंह " समीर G"