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बचपन के स्कूल के दिनों की यादें- धुंधली सी छतरी बारिश की बूँदें

Shivani singh 20 Jul 2023 गीत अन्य 9961 0 Hindi :: हिंदी

बचपन के स्कूल के दिनों की यादें,
धुंधली सी छतरी, बारिश की बूँदें।
छोटी-सी छोटी बातें, मिठे बचपन के गीत,
हम सब एकजुट होकर गाते थे संगीत।

खिलखिलाते खेलने के उमंगों में,
सभी मिलकर रहते थे भाई-बहन।
अध्ययन की लहरों में हुंकारती थी आंखें,
विद्या के सागर में खो जाते थे हम।

गुरुकुल के शिखर पर, उड़ते थे ख्वाब,
सिखाते थे सबको दिल से नेक काम।
खुशियों के संग बिताते थे पल पल,
विद्या के आकार में होते थे अभिमान।

विद्या के गहराईयों में खो जाते थे हम,
संघर्ष के सफर पर बनते थे यार।
शिक्षा के बोझ को हम एक साथ उठाते,
बचपन के स्कूल में बनते थे सिपाही नवयुवक।

अब वो दिन आएं न आएं, यादें हमें याद हैं,
वहाँ की वो मिठी मिठी मिठाईयाँ।
दोस्तों की मिठी बातों से हुआ करता था मन भर,
अब भी वो यादें दिल में बसी हैं।

बचपन के स्कूल की मिठी यादें,
हमेशा रहेंगी हमारे दिलों में बसी।
उन यादों के संग हम चलते हैं आगे,
विद्या के पथ पर, हम चालीसी।।

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