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जिंदगी न सही तू मौत ही बनकर आजा

MAHESH 30 Mar 2023 गीत प्यार-महोब्बत ग़म ए जुदाई 9990 0 Hindi :: हिंदी

स्वरचित रचना---जिंदगी न सही,................!
संदर्भ---गम ए जुदाई

जिंदगी न सही, तू मौत ही बनकर आ जा।
आ मगर‌ आ,तू इक बार तड़प कर आ जा

आज बादल उमड़ पड़ा  है, तेरी यादों का।
आज घायल तड़प उठा है तेरी राहों का।
आज मेरी सूनी-सूनी आंखों में नमी सी है।
आज मेरी जिंदगी की सांसों में कमी सी है,।
आ जा मेरी जिंदगी का तार पकड़ कर आ जा।
आ मगर आ, तू इक बार तड़प कर आ जा।।

तेरा-मेरा मिलन न इत्तफाक है, दिलदार कोई।
पिछले जन्मों का मुझको लगता है उधार कोई।
या ए हो सकता है कि कथा रह गई अधूरी हो।
जो इस जन्म में शायद पूरी होना जरूरी हो।।
जो भी हो, जान तू अनजान सड़क पर आ जा।
आ मगर आ तू, इक बार तड़प कर आ जा।।

जीना मुश्किल, तेरे बगैर ऐसा लगता है।
सीना बे-दिल तेरे बगैर ऐसा लगता है।
अजनबी इस कदर तू मेरे मन को भाया है। 
निगाहों में, तू आहों में, तू सांसों में समाया है।
मैं तेरे प्यार में भटका, तू भटक कर आ जा।
आ मगर आ तू, इक बार तड़प कर आ जा।।

तूने कई बार इशारों में जो कहा है मुझको।
तूने कई बार प्यार में जो लिखा है मुझको।
मैं समझता हूं तेरे प्यार की भावनाओं को।
मैं समझता हूं तेरी भाव भरी  रचनाओं को।
मैं उन्हीं भावों में बहका, तू बहक कर आ जा।
आ मगर आ, तू इक बार तड़प कर आ जा।।

तूने जो तोड़ दी, दीवारे हया प्यार के लिए।
मैंने भी तोड़ दी,  मर्यादा मेरे यार के लिए।।
अब न कहना कि, उफ्फ, कुछ नहीं समझते तुम।
बुद्धू हो बिल्कुल, ऐसा भी कुछ नहीं कहते तुम।
आ जा बुद्धू है जल रहा धू-धू कर आ जा।
आ मगर आ, तू इक बार तड़प कर आ जा।
                    ~✍️महेश

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