Shiwani kumawat 30 Mar 2023 गीत धार्मिक 25675 0 Hindi :: हिंदी
मन में बसा है , मन में बसा है, हर एक के मन में बसा है वो भगवान जो सब में छिपा हुआ है वो मनोबल पर किसी को नजर नहीं आता। किस कलियुग में जी रहे हे वो इंसान किसी को नजर ही नहीं आता वो भगवान। मां की मूरत को तो सब पूजेंगे लेकिन वो मां अपने घर पर हो ना तो बोज बन जाती है , आखिर ये सब दिखावा ही क्यों करना। इंसान दोखा– दाड़ी सब करेगे लेकिन वो भगवान से बिलकुल नहीं डरेंगे , ये नही सोचते हमे उस ईश्वर को भी जवाब देना है। सब को अपना ही नजर आता हे , हमारा क्या होगा रुको जरा, सब के साथ वो ईश्वर ने आप के बारे में भी कुछ सोच रखा होगा । जो की हमारे नज़र में बिलकुल भी नही है। सब्र का ही फल मीठा होता है। जिस ने वो ईश्वर पर विश्वास कर लिया वो जीत गया ।