Poonam Mishra 12 Jul 2023 गीत समाजिक न जाने क्यों 4742 0 Hindi :: हिंदी
आजकल ना जाने क्यों ? दिल में हकीकत, और उम्मीद. पर एक जंग जारी है l दिल हकीकत से दूर भागता है। कुछ झूठी उम्मीदों की आशा करता है। आशा ,निराशा ,के बीच में इस जीवन का संघर्ष जारी हैl आशा में एक उम्मीद की किरण दिखाई देती है परंतु निराशा के बादल बरस पड़ते हैंl जिंदगी के हर सपने को झूठा साबित कर देते हैं यू ना तोड़ो मेरे सपनों को उम्मीदों के सहारे ही सही झूठी आशाएं ही सही जिंदगी के कुछ पल सुकून से गुजारने तो दो पूनम मिश्रा स्वरचित