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सुहाने मौसम-प्रकृति की ओर इशारा करता है

Shivani singh 23 Jul 2023 गीत अन्य 5614 0 Hindi :: हिंदी

सुहाने मौसम की एक ख़ास रौनक है,
प्रकृति की ओर इशारा करता है।
हवा के झोंकों में खिल जाते हैं फूल,
मन को भाते हैं ये सभी खूबसूरत फसल।

गरमी के दिनों में छाए हैं साए,
ठंडी छाँव में लेते हैं आराम।
फुलवारी बगियों में बहती है नदियाँ,
मन को भाते हैं ये मीठे पानी के जाम।

बारिश की बूंदों से मिलता है सुकून,
पृथ्वी को नहलाती है ये बरसाती धूल।
कागज़ की कटोरियों में रंग बिखरते हैं,
रंगों से भर जाती हैं ये सभी दुनिया की सूझ।

ठंडी हवाओं का झोंका छू जाए चेहरा,
ख़ुशबूओं से सज उठे मन की महफिल।
प्रकृति के सुनहरे रंगों से सजती हैं,
सुहाने मौसम में ये खुल जाती है दिल।

आसमान में छाए हैं बादल काले,
बरसती हैं बूंदें बहुत प्यार से।
धरती को लगती हैं उनकी चादर नयी,
सुनहरे सपनों से लबों पर मुस्कान है।

गर्मी के तपते दिनों के बाद,
आता हैं सुहाने मौसम का मिज़ाज।
प्रकृति के सौंदर्य से भर उठता हैं मन,
खुल जाता हैं हर दिल का राज।

सुहाने मौसम की ये ख़ास रौनक है,
प्रकृति की ओर इशारा करता है।
हर दिन की तरह ये भी बितेगा,
प्रकृति के संग ये हम सब मनाएंगे बारिश या धूप में खेलेंगे।।

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