Samar Singh 14 Jun 2023 गीत दुःखद ऐसा तोड़ा रिश्ता कि मैं उनकी याद से निकल ही नहीं पा रहा हूँ। 6981 1 5 Hindi :: हिंदी
कहीं आलम है दर्द का, कहीं मौसम है बेदर्द का। कहीं फिजा में बसती है आँसू बरसात की, कहीं खिजा में गूंजती है सन्नाटे रात की। तू नहीं है तो किस्मत रूठी है मेरी, तेरी खातिर तकदीर ने बड़ी कीमत लूटी है मेरी। है लगन, है लगन, ये कैसी है जलन। कहीं गुम है मन, साथ नहीं देती है धड़कन। मुझे नहीं रोना है, मुझे नहीं खोना है। काश ऐसा न होता, क्यूँ दिल रहा मेरा रोता। कह दिये वो कि चाहत झूठी है मेरी, तू नहीं तो किस्मत रूठी है मेरी। तेरी खातिर तकदीर ने बड़ी कीमत लूटी है मेरी। जाने ये कैसे हुआ, खुदा की भी नहीं लगी दुआ, किस्मत ने खेली मेरे साथ जुआ, जो न सोचे वहीं तो हुआ। सागर में फंसा ढूढ़ता हूँ किनारा, दे दे कोई एक पल का हमको सहारा। बीच मंझधार में कश्ती टूटी है मेरी, तू नहीं है तो किस्मत रूठी है मेरी। तेरी खातिर तकदीर ने बड़ी कीमत लूटी है मेरी।। रचनाकार - समर सिंह " समीर G"
11 months ago