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तेरी पनाहों में-जीता हूँ तेरी पनाहों में

Samar Singh 27 May 2023 गीत दुःखद जिनसे सच्ची मुहब्बत हो, वो पास रहे या दूर, हर हाल में याद करके खुश रहता है। 6738 0 Hindi :: हिंदी

मीलों हो तुम, 
जीता हूँ तेरी पनाहों में। 
हर पल नशा है, 
तेरी मुहब्बत के गुनाहों में।। 

बहुत की कोशिश दूर होने की, 
तेरी ही परछाई है, हर जगहों में। 
मात खाई, शिकस्त मिली, 
लेकिन खुश है हम, 
अपनी हार की फतहों में।। 

बाजीगर होना सीखा हमने,
क्योंकि तुम हो मेरी शाम में, हो हर सुबहों में। 
मिले हमें वफा, चाहे मिले बेवफाई, 
हम खुश है तेरी हर वजहों में। 
मीलों हो तुम 
जीता हूँ  तेरी पनाहों में। 

रचनाकार-- समर सिंह " समीर G "

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