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वदें मातरम् अनुवाद सहित-वंदे मातरम सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्

Prince 09 Jul 2023 गीत देश-प्रेम #वंदे मातरम् 5620 1 5 Hindi :: हिंदी

वंदे मातरम
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यशामलां मातरम्।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम् ॥१॥

वंदे मातरम।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम् ॥२॥

वंदे मातरम।
तुमि विद्या, तुमि धर्म तुमि हृदि,
तुमि मर्म त्वं हि प्राणा:
शरीरे बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ॥३॥


वंदे मातरम।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी वाणी विद्यादायिनी,
नमामि त्वाम् नमामि कमलां
अमलां अतुलां सुजलां सुफलां मातरम् ॥४॥

वंदे मातरम।
श्यामलां सरलां सुस्मितां
भूषितां धरणीं भरणीं मातरम् ॥५॥
वंदे मातरम।

यहां हिंदी में भारतीय राष्ट्रीय गान "वन्दे मातरम्" के पांच स्तंभों का सरलीकृत अनुवाद है:

स्तंभ 1:
वन्दे मातरम्!
हे माता, जो सुहावने और फलदायक है,
जो हरिताभ भूषित है,
हे माता! तुझे मेरा नमन।
तू ही पवित्र चंदनी की ज्योति है,
जिसे फूलों से सजाया गया है,
तू सुखदायिनी है, वरदायिनी है, हे माता!
वन्दे मातरम्!

स्तंभ 2:
तू ही दुर्गा है, दस प्रहरों वाली,
तू ही कमला है, कमल की विहारिणी।
तू ही वाणी है, ज्ञान की प्रदात्री, मैं तुझे नमन करता हूँ।
मैं कमला को नमन करता हूँ,
तू निर्मल है, अनुपम है,
सुखदायक और फलदायक है, हे माता!
वन्दे मातरम्!

स्तंभ 3:
तू ही दुर्गा है, दस प्रहरों वाली,
तू ही कमला है, कमल की विहारिणी।
तू ही वाणी है, ज्ञान की प्रदात्री, मैं तुझे नमन करता हूँ।
मैं शरद को नमन करता हूँ,
तू शतायुष्मान है, हे शरदाम्!
तू सुखदात्री, वरदात्री है, हे माता!
वन्दे मातरम्!

स्तंभ 4:
वन्दे मातरम्!
हे काली, सरली, हंसमुखी, सुंदरी,
जिसने धरा को भरा है, हे माता!
वर्णजाति को वरदान देने वाली है,
तू त्रिशूल धारिणी है,
मनोहासिनी, मैं तुझे नमन करता हूँ।
तू हिरणी, सुरभि, सुंदर, भूषित है,
जिसने धरा को भरा है, हे माता!
वन्दे मातरम्!

स्तंभ 5:
तू ही दुर्गा है, दस प्रहरों वाली,
तू ही कमला है, कमल की विहारिणी।
तू ही वाणी है, ज्ञान की प्रदात्री, मैं तुझे नमन करता हूँ।
मैं चिन्तामणि तारिणी को नमन करता हूँ,
जगमगाती हुई शारदाम् तारिणी।
तू ही तुंगभद्रा है, मैं तेरे नाम को नमन करता हूँ,
हे माता! जो सुंदर ज्योति से प्रकाशित है,
जिसे फूलों से सजाया गया है,
हंस के मुखवाली, मधुर बोलने वाली।
सुखदायिनी, वरदायिनी, हे माता!
वन्दे मातरम्!

         ~ Prince

Comments & Reviews

Jitendra Sharma
Jitendra Sharma उत्कृष्ट,

10 months ago

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